(1) किसी विभवमापी की संवेदनशीलता को बढ़ाने के लिए –
इसका अनुप्रस्थ क्षेत्रफल बढ़ाना चाहिए
इसकी धारा को घटाना चाहिए।
इसकी धारा को बढ़ाना चाहिए
इनमें से कोई नहीं
(2) किसी संधारित्र की धारिता व्युत्क्रमानुपाती होती है –
प्लेट का क्षेत्रफल
प्लेटों के बीच माध्यम की परावैद्युतता
प्लेटों के बीच की दूरी
इनमें से कोई नहीं
(3) किसी विद्युतीय क्षेत्र में चालक को रखने पर उसके अन्दर विद्युतीय क्षेत्र का मान-
घट जाता है
बढ़ जाता है
शून्य होता है
अपरिवर्तित रहता है
(4) किसी सूक्ष्म विद्युत द्विध्रुव के मध्य बिन्दु से बहुत दूर ‘r’ दूरी पर विद्युत विभव समानुपाती होता है –
r
I ⁄ r
I ⁄ r²
I ⁄ r³
(5) यदि संधारित्र की प्लेटों के बीच धातु की एक छड घुसा दी जाय तो उसकी धारिता हो जाएगी –
शून्य
अनंत
9 x 10⁹ F
इनमें से कोई नहीं
(6) एक समविभवी तल के एक बिन्दु से दूसरे बिन्दु तक ले जाने में आवेश पर क्षेत्र द्वारा किया गया कार्य होगा –
धनात्मक
ऋणात्मक
शून्य
इनमें से कोई भी
(7) यदि दो आवेशों की दूरी बढ़ा दी जाये तो आवेशों के विद्युतीय स्थितिज ऊर्जा का मान
बढ़ जाएगा
घट जाएगा
अपरिवर्तित रहेगा।
बढ़ भी सकता है घट भी सकता है
(8) विद्युत् क्षेत्र की तीव्रता का मात्रक होता है?
न्यूटन/कूलम्ब (NC)
न्यूटन/कूलम्ब (NC-1)
वोल्ट/मी० (Vm)
कूलम्ब/न्यूटन (CN-1)
(9) अलग-अलग त्रिज्याओं के दो गोलों पर समान आवेश दिये जाते हैं तो विभव होगा –
छोटे गोले पर ज्यादा होगा
बड़े गोले पर ज्यादा होगा
दोनों गोलों पर समान होगा
गोलों के पदार्थ के प्रकृति पर निर्भर करता है
(10) समानान्तर प्लेट संधारित्र के प्लेटों के बीच परावैद्युत पदार्थ डालने पर संधारित्र की धारिता –
बढ़ता है
घटती है
अपरिवर्तित रहती है
कुछ कहा नहीं जा सकता