पाठ 9 :- वैश्वीकरण
बैश्वीकरण बहुआयामी प्रक्रिया है, जिसमें हम अपने निर्णयों को दुनिया के एक क्षेत्र में कार्यान्वित करते हैं, जो दुनिया के दूरवर्ती क्षेत्र में व्यक्तियों के व्यवहार के निर्धारण में महत्वपूर्ण भुमिका निभाते हैं।
स्मरणीय बिन्दु :-
* एक अवधारणा के रूप में वैश्वीकरण का बुनियादी तत्व ‘प्रवाह’ है। प्रवाह कई प्रकार के होते हैं जैसे-वस्तुओं, पूँजी, श्रम और विचारों का विश्व के एक हिस्से से दूसरे अन्य हिस्से में मुक्त प्रवाह।
* वैश्वीकरण को भूमण्डलीयकरण भी कहते है और यह एक बहुआयामी अवधारणा है। यह न तो केवल आर्थिक परिघटना है और न ही सिर्फ सांस्कृतिक या राजनीतिक परिघटना।
* वैश्वीकरण के कारण :
1) उन्नत प्रौद्योगिकी एवं विश्वव्यापी पारस्परिक जुड़ाव जिस कारण आज विश्व एक वैश्विक ग्राम बन गया है।
2) टेलीग्राफ, टेलीफोन, माइक्रोचिप, इंटरनेट एवं अन्य सूचना तकनीकी साधनों ने विश्व के विभिन्न भागों के बीच संचार की क्रांति कर दिखाई है।
3) पर्यावरण की वैश्विक समस्याओं जैसे सुनामी, जलवायु परिवर्तन वैश्विक तापवृद्धि से निपटने हेतू अन्तर्राष्ट्रीय सहयोग।
* वैश्वीकरण की विशेषताएँ :-
1) पूंजी, श्रम, वस्तु एवं विचारों का गतिशील एवं मुक्त प्रवाह।
2) पुंजीवादी व्यवस्था, खुलेपन एवं विश्व व्यापार में वृद्धि।
3) देशों के बीच आपसी जुड़ाव एवं अन्तः निर्भरता।
4) विभिन्न आर्थिक घटनाएँ जैसे मंदी और तेजी तथा महामारियों जैसे एंथ्रेक्स, इबोला, HIV AIDS, स्वाइन फ्लू जैसे मामलों में वैश्विक सहयोग एवं प्रभाव।
* वैश्वीकरण के उदाहरण :-
• विभिन्न विदेशी वस्तुओं की भारत में उपलब्धता।
• युवाओं को कैरियर के विभिन्न नए अवसरों का मिलना।
• किसी भारतीय का अमेरिकी कैलेंडर एवं समयानुसार सेवा प्रदान करना।
• फसल के खराब हो जाने से कुछ किसानों द्वारा आत्म- हत्या कर लेना।
• अनेक खुदरा (रिटेल) व्यापारियों को डर है कि रिटेल में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) लागू होने से बड़ी रिटेल कम्पनियाँ आयेंगी और उनका रोजगार छिन जायेगा।
• लोगों के बीच आर्थिक असमानता में वृद्धि।
ये उदाहरण सकारात्मक एवं नकारात्मक दोनों प्रकृति के हो सकते है।
* वैश्वीकरण के प्रभाव मुख्यतः तीन प्रकार के है राजनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक।
* वैश्वीकरण के प्रकार (i) राजनीतिक (ii) आर्थिक (iii) सांस्कृतिक
* वैश्वीकरण के राजनीतिक प्रभाव।
1) वैश्वीकरण से राज्य की क्षमता में कमी आई है। राज्य अब कुछेक मुख्य कार्यों जैसे कानन व्यवस्था बनाना तथा सुरक्षा तक ही सीमित है। अब बाजार आर्थिक और सामाजिक प्राथमिकताओं का मुख्य निर्धारक है।
2)राज्य की प्रधानता बरकरार है तथा उसे वैश्वीकरण से कोई खास चुनौती नहीं मिल रही।
3) इस पहलू के अनुसार वैश्वीकरण के कारण अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी के बूते राज्य अपने नागरिकों के बारे में सूचनाएँ जुटा सकते है और कारगर ढंग से कार्य कर सकते है। अतः राज्य अधिक ताकतवर हुए है।
* वैश्वीकरण के आर्थिक प्रभाव :-
1) अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष, विश्वक एवं विश्व व्यापार संगठन जैसे अन्तर्राष्ट्रीय संस्थाओं द्वारा आर्थिक नीतियों का निर्माण। इन संस्थाओं में धनी, प्रभावशाली एवं विकसित देशों का प्रभुत्व।
2) आयात प्रतिबंधो में अत्यधिक कमी।
3) पूंजी के प्रवाह से पूंजीवादी देशों को लाभ परन्तु श्रम के निर्वाध प्रवाह न होने के कारण विकासशील देशों को कम नाम।
4) विकसित देशों द्वारा बीजा नीति द्वारा लोगों की आवाजाही पर प्रतियंध।
5) वैश्वीकरण के कारण सरकार अपने सामाजिक सरोकारों से मुंह मोड़ रही है उसके लिए सामाजिक सुरक्षा कवच की आवश्यकता है।
* वैश्वीकरण के आलोचक कहते है कि इससे समाजों में आर्थिक असमानता बढ़ रही है।
वैश्वीकरण के सांस्कृतिक प्रभाव :-
1) सांस्कृतिक समरूपता द्वारा विश्व में पश्चिमी संस्कृतियों को बढ़ावा।
2) खाने-पीने एवं पहनावे में विकल्पों की संख्या में वृद्धि।
3) लोगों में सांस्कृतिक परिवर्तनों पर दुविधा।
4) संस्कृतियों की मौलिकता पर बुरा असर।
5) सांस्कृतिक वैभिन्नीकरण जिसमें प्रत्येक संस्कृति कहीं ज्यादा अलग और विशिष्ट हो रही है।
* भारत और वैश्वीकरण :-
• आजादी के बाद भारत ने संरक्षणवाद की नीति अपनाकर अपने घरेलू उत्पादों पर जोर दिया ताकि भारत आत्मनिर्भर रहे।
• 1991 में लागू नई आर्थिक नीति द्वारा भारत वैश्वीकरण के लिए तैयार हुआ और खुलेपन की नीति अपनाई।
• आज वैश्वीकरण के कारण भारत की आर्थिक वृद्धि दर 7.5 प्रतिशत वार्षिक की दर से बढ़ रही है। जो 1990 में 5.5 प्रतिशत वार्षिक थी।
• भारत के अनिवासी भारतीय विदेशों में भारतीय संस्कृति को बढ़ावा दे रहे है।
• भारत के लोग कम्प्यूटर सॉफ्टवेयर में अपना बर्चस्व स्थापित करने में कामयाब रहे है।
• आज भारतीय लोग वैश्विक स्तर पर उच्च पदों पर आसीन होने में सफल हुए है।
* वैश्वीकरण का विरोध :-
• वामपंथी विचारक इसके विभिन्न पक्षों की आलोचना करते है।
• राजनीतिक अर्थों में उन्हें राज्य के कमजोर होने की चिंता है।
• आर्थिक क्षेत्र में वे कम से कम कुछ क्षेत्रों में आर्थिक निर्भरता एवं संरक्षण वाद का दौर कायम करना चाहते है
• सांस्कृतिक संदर्भ में इनकी चिंता है कि परंपरागत संस्कृति को हानि होगी और लोग अपने सदियों पुराने जीवन मूल्य तथा तौर तरीकों से हाथ धो देंगे।
• वर्ल्ड सोशल फोरम (WSF) नव उदारवादी वैश्वीकरण के विरोध का एक विश्वव्यापी मंच है इसके तहत मानवाधिकार कार्यकर्ता, पर्यावरणवादी मजदूर, युवा और महिला कार्यकर्ता आते है।
• 1999 में सिएटल में विश्व व्यापार संगठन की मंत्री-स्तरीय बैठक का विरोध हुआ जिसका कारण आर्थिक रूप से ताकतवर देशों द्वारा व्यापार के अनुचित तौर -तरीकों के विरोध में हुआ।।
प्रसन 1. वैश्वीकरण से आप क्या समझते हैं
उत्तर :- वैश्वीकरण का अर्थ होता है प्रवाह| प्रवाह कई तरीकों से हो सकता है
* विश्व के एक हिस्से से विचारों का दूसरी जगह पहुंचना
* वस्तुओं का कई देशों में पहुंचना व्यापार के रूप में
* बेहतर काम की तलाश में किसी और देश में जाना और काम करना
* संस्कृति जब बदलती है
* नए विचारों को अपनाना
नोट :- जब एक देश से दूसरे देश में वस्तु विचार पूंजी व्यक्ति या संस्कृति पहुंच जाती है तो उसे वैश्वीकरण कहते हैं
प्रसन 2. वैश्वीकरण के कारण
उत्तर :- i) प्रौद्योगिकी के कारण विचार, वस्तु, पूंजी, एक जगह से दूसरी जगह पहुंची
ii) छपाई तकनीक
iii) विश्व की घटनाओं का असर
प्रसन 3. वैश्वीकरण के राजनीतिक प्रभाव
उत्तर :- * विभिन्न राजनेताओं द्वारा वैश्वीकरण नीति तैयार करना जैसे UNO यह कई देशों को एक करता है
* संयुक्त राष्ट्रीय संघ
* WHO (वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाईजेशन) पूरे विश्व को स्वास्थ्य कार्यक्रम चलाता है
* सभी देशों की समस्या के लिए मिलकर काम करना
* संचार और नई मीडिया से राजनीतिक मजबूत हुई है
* सरकारों के काम करने की शक्ति में कमी तथा बढ़ोतरी हुई है
* नई प्रौद्योगिकी के कारण देशों का विकास * सरकारों ने अपने काम को लोक कल्याणकारी योजना को महत्व देना शुरू कर दिया है बाजार आर्थिक-सामाजिक परियोजनाओं पर ध्यान देना
प्रसन 4. वैश्वीकरण के सांस्कृतिक प्रभाव
उत्तर :- i) खानपान में बदलाव:-पहले हम घी खाते थे और अब चाऊमीन मोमोस खाते हैं
ii) रहन सहन में बदलाव:- पहले हम जल्दी सोते थे और अब बहुत रात को सोते हैं
iii) पहनावे में बदलाव:- अब ज्यादा लोग धोती को छोड़कर जींस पहनते हैं
iv) पश्चिमी सभ्यता की ओर जाना
v) विदेशी त्यौहार का प्रचार:- जैसे वैलेंटाइन डे आदि
vi) विदेशी फिल्मों का चलन
vii) रॉक संगीत को पसंद करना
viii) महिलाओं की स्थिति में सुधार
ix) जीवनशैली में बदलाव
x) रूढ़िवादी का अंत:- अंधविश्वास खत्म होना
xi) सांस्कृतिक धरोहर का खत्म होना:- हमारी संस्कृति खत्म हो रही है
प्रसन 5. वैश्वीकरण के आर्थिक प्रभाव
उत्तर :- * मुक्त बाजार व्यवस्था:- एक देश दूसरे देश से व्यापार कर सकता है
* पूंजी का एक से अधिक देशों में निवेश और पहुंचना
* विश्व व्यापार में इजाफा
* बहुराष्ट्रीय कंपनियों का प्रसार:- भारत में कई विदेशी कंपनी है
* धनी देशों का विकासशील देशों में निवेश:- अमेरिका जैसे देशों के व्यापारी हमारे देश में निवेश कर रही है
* विकसित देशों की कठोर वीजा नीति:- जो देश विकसित हैं वह नहीं चाहते कि कोई और व्यक्ति उनके देश में व्यापार करें
* IMF, WTO, WB की स्थिति मजबूत होना * गरीब देशों का बर्बाद होना
* पूंजी की आवाजाही पर प्रतिबंध कम हुआ है
* इंटरनेट और कंप्यूटर से जुड़े सेवाओं में बढ़ोतरी हुई है.
प्रसन 6. वैश्वीकरण के सकारात्मक तथा नकारात्मक प्रभाव बताओ
उत्तर :- “सकारात्मक प्रभाव”
* विश्व व्यापार में बढ़ोतरी हुई है
* महिलाओं की स्थिति में सुधार
* विभिन्न देशों के संबंधों में सुधार
* इंटरनेट के द्वारा आज जानकारी विश्व भर में पहुंचाई जाती है
* प्रद्योगिकी तक विभिन्न देशों की पहुंच बड़ी है
* पूंजी का प्रभाव बढ़ रहा है
*रुढ़िवादी खत्म हो रही है
* वस्तुओं का प्रभाव की तेजी से बढ़ रहा है
“नकारात्मक प्रभाव”
* गरीब देश का ज्यादा लाभ नहीं हो रहा
* संस्कृति खत्म हो रही है
* आर्थिक लाभ ज्यादा विकासशील देशों को होता है
* दुनिया भर के लोगों ने इसका विरोध किया है WSF के मंच में
* विदेशी संस्कृति को अपनाकर हम अपनी संस्कृति को खत्म कर रहे हैं
* लोगों की आवाजाही उतनी नहीं बढ़ी है जितनी वस्तुओं की बड़ी है
एक अंकीय प्रश्न :- खाली स्थान भरो
1. …………….. और………… आर्थिक संगठन हैं।
उत्तर :- WHO, IMF
2. वैश्वीकरण को बढ़ावा देने में ………… की प्रमुख भूमिका है ।
उत्तर :- प्रद्योगिकी
3. वर्लड सोशल फोरम की पहली बैठक 2001 में…………. में हुई।
उत्तर :- पोर्ट अल्गोरे
4. वैश्वीकरण एक……..अवधारणा है
उत्तर :- बहुआयामी
5. वैश्वीकरण कर प्रतिरोध भारत में…………………… और …… द्वारा गया।
उत्तर :- बामपंथियों, दक्षिणपंथियों
निम्नलिखित के समक्ष सही अथवा गलत का निशान लगाइए
6. वैश्वीकरण के संबंध वस्तुओं, पूंजी व सेवाओं के एक देश से दूसरे प्रवाह से है।
उत्तर :- सही
7. वैश्वीकरण मुख्यतः राजनीतिक अवधारणा है।
उत्तर :- गलत
8. वैश्वीकरण 1993 के बाद से फैलना प्रारम्भ हुआ।
उत्तर :- गलत
9. वैश्वीकरण से भारत को लाभ हुआ है।
उत्तर :- सही
निम्नलिखित प्रश्न में दो वक्तव्य हैं। एक को कथन A और दूसरे को कारण R कहा गया है। आपको दोनों वक्तव्यों का परीक्षण करने है व निम्नलिखित कूट के आधार पर निर्णय कर अपना उत्तर अंकित करना है।
कृूटः
(क) A और R दोनों सही हैं और R,A का सही स्पष्टीकरण है।
(ख) A और R दोनों सही हैं परंतु R, A का सही स्पष्टीकरण नहीं है।
(ग) A सही हैं परंतु R गलत है।
(घ) या गलत हैं और R सही है।
10. कथन A : वैश्वीकरण एक पूंजीवादी प्रक्रिया है, जिसका सर्वप्रमुख एवं अंतिम उद्देश्य पूंजीवाद को बढ़ावा देना है।
कारण R : वैश्वीकरण से सभी को लाभ होता है चाहे वे विकसित देश हों या विकासशील या अल्पविकसित।
उत्तर :- ग
11. कथन A : भारत में वैश्वीकरण के विरोध किया गया है।
कारण R : वैश्वीकरण राज्य की भूमिका को सीमित करता है।
उत्तर :- क
12. कथन A : वैश्वीकरण से विश्व में आर्थिक प्रवाह में वृद्धि हुई है।
कारण R : वैश्वीकरण सांस्कृतिक समरूपता का भी कारक है।
उत्तर :- ख
13. कथन A । भारत में वामपंथियों ने वैश्वीकरण के समर्थन किया है।
कारण R : वैश्वीकरण के कारण रोजगार के अवसरों में वृद्धि हुई है।
उत्तर :- घ
14. कथन A : वैश्वीकरण के प्रसार में प्रौद्योगिकी की प्रमुख भूमिका है।
कारण R : प्रौद्योगिकी और सूचना की तीव्रता से राज्यों की कार्यकुशलता में कमी आती है।
उत्तर :- ग
निम्न प्रश्नों के उत्तर दें
15. वैश्वीकरण क्या है?
उत्तर :- वस्तुओं, पूंजी, श्रम एवं विचारों का एक देश से अन्यों में मुक्त प्रवाह वैश्वीकरण कहलाता है।
16. वैश्वीकरण का एक सकारात्मक प्रभाव लिखो ?
उत्तर :- कम्पनियों में प्रतियोगिता का भाव होने से ग्राहक को उन्नत वस्तु कम मूल्य पर मिलना तथा वस्तुओं में चुनाव के अधिक विकल्पों की मौजूदगी।
17. भारत ने नई आर्थिक नीति कब अपनाई ?
उत्तर :- 1991 में
18. WSF का शब्द विस्तार लिखो।
उत्तर :- विश्व सामाजिक फोरम (World Social Fourum)
19. वामपंथी दल वैश्वीकरण के किस प्रभाव की अधिक आलोचना करते है?
उत्तर :- आर्थिक प्रभाव।
20. वैश्वीकरण कि लिये अनुकूल परिस्थितियाँ पैदा करने वाले दो कारकों का नाम लिखिये।
उत्तर :- उदारीकरण व निजीकरण।
21. एक उपयुक्त उदाहरण द्वारा स्पष्ट कीजिये कि यह आवश्यक नहीं है कि वैश्वीकरण सदैव सकारात्मक ही हैं।
उत्तर :- वैश्वीकरण के कारण विश्व में बेरोजगारी बढ़ रही है, अतः वैश्वीकरण सदैव सकारात्मक हो, यह जरूरी नहीं है।
22. कल्याणकारी राज्य का स्थान बाजार ले रहा है।” इस परिवर्तन का कारण स्पष्ट कीजिए।
उत्तर :- वैश्वीकरण के कारण बहुराष्ट्रीय कंपनियों ने राज्य के कल्याणकारी कार्यों को कुछ हद तक सीमित कर दिया है।
दो अंकीय प्रश्न :-
1. सामाजिक सुरक्षा कवच से आप क्या समझते हो ?
उत्तर :- आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को शिक्षा, स्वास्थ्य, साफ-सफाई एवं नौकरी की सुविधा सरकार द्वारा उपलब्ध करवाना सामाजिक सुरक्षा कवच कहलाता हैं।
2. वैश्वीकरण में किसका मुक्त प्रवाह होता है ?
उत्तर :- पूंजी, विचार, वस्तु एवं श्रम का मुक्त प्रवाह।
3. विकसित देशों की वीजा नीति क्या है, बताइए?
उत्तर :- विकासशील देशों के लोगों को वीजा देने के नियमों में सख्ती ताकि अधिक संख्या में आकर लोग विकसित देशों में नौकरियों न हासिल कर ले।
4. संरक्षणवाद क्या है।
उत्तर :- 1991 से पहले अपने घरेलू उत्पादों को बचाने एवं एकाधिकार बनाएँ रखने हेतु विदेशी कम्पनियों पर प्रतिबंध लगाना संरक्षणवाद कहलाता है।
5. मैक्डोनाल्डीकरण का क्या अर्थ है ?
उत्तर :- इसमें विभिन्न देशों की संस्कृति पर पश्चिमी संस्कृति हावी हो जाती है।
6. विज्ञान और प्रौद्योगिकी का वैश्वीकरण पर क्या प्रभाव पड़ा ?
उत्तर :- इसके विकास के कारण विश्व में पारस्परिक जुड़ाव एवं पारस्परिक निर्भरता बढ़ी।
4 अंकीय प्रश्न :-
1. वैश्वीकरण के आर्थिक प्रभाव बताइएँ ?
उत्तर :- – समान व्यापारिक तथा श्रम कानूनों द्वारा संतुलित आर्थिक विकास।
– पश्चिमी देशों द्वारा अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार के नियमों का निर्धारण।
– बहुराष्ट्रीय कम्पनियों से घरेलू एवं लघु उद्योगों को नुकसान।
– प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI), विनिवेश जैसे आर्थिक सुधारों का पूरे विश्व में लागू होना।
2. सांस्कृतिक समरूपता एवं सांस्कृतिक वैभिन्नीकरण में अंतर स्पष्ट करो।
उत्तर :- सांस्कृतिक समरूपता का अर्थ है पश्चिमी संस्कृति का पूरे विश्व में फैलना ताकि वह एक वैश्विक संस्कृति का रूप ले सके।
— सांस्कृतिक वैभिन्नीकरण में विभिन्न संस्कृतियाँ दूसरी संस्कृतियों की अच्छी बातों को अपनी संस्कृति में शामिल करती है जिस कारण प्रत्येक संस्कृति अनूठी बन रही है।
3. वैश्वीकरण का भारत पर क्या प्रभाव पड़ा? स्पष्ट करो।
उत्तर :- तीव्र आर्थिक विकास, नये अवसरों की उपलब्धता, घरेलु उद्योगों में नई चुनौतियों का उभार, विश्व राजनीति में भारत का महत्वपूर्ण स्थान।
4. वैश्वीकरण के विरोध और इस बारे में बनी राजनीतिक सहमति पर भारत के परिपेक्ष्य में चर्चा करो।
उत्तर :- – 1991 में शुरू हुए आर्थिक सुधारों का वामपंथी एवं दक्षिणपंथी विचारधारा वाले दलों द्वारा विरोध करना।
– वामपंथी दलों ने राजनीतिक एवं सांस्कृतिक पक्ष पर अधिक विरोध किया।
राजनीतिक सहमति :- 1991 के बाद चाहे किसी भी दल का शासन हो।
आर्थिक सुधार, उदारीकरण व खुलेपन की नीति बिना रूकावट जारी है।
5. वैश्वीकरण के कारण राज्य की क्षमता में कमी आती है, समझाइये।
उत्तर :- – कल्याणकारी राज्य का स्थान उदारवादी राज्य ने लिया।
– अहस्तक्षेप की नीति से राज्य के कार्य क्षेत्र में कमी।
– राज्य का मुख्य कार्य सुरक्षा, कानून व्यवस्था और विदेशी संबंधों तक सीमित।
– आर्थिक और सामाजिक प्राथमिकताओं का प्रमुख निर्धारक बाजार है न कि राज्य।
6. विश्वव्यापी “पारस्परिक जुड़ाव” क्या है? इसके कौन कौन से घटक है ?
उत्तर :- – विश्व के सभी देश सूचना एवं संचार तंत्र के विकास द्वारा नजदीक हुए।
– पारस्परिक निर्भरता एवं पारस्परिक सहयोग।
– घटक • इंटरनेट, टेलीफोन, टेलीग्राफ, माइक्रोचिप इत्यादि।
पाँच अंकीय प्रश्न :-
निम्नलिखित अवतरण को ध्यानपूर्वक पढ़कर प्रश्नों के उत्तर दीजिए? भारत में वैश्वीकरण का विरोध कई इलाकों से हो रहा है। आर्थिक वैश्वीकरण के खिलाफ वामपंथी तेवर की आवाजें राजनीतिक दलों की तरफ से उठी है। तो इंडियन सोशल फोरम जैसे मंचों से भी। औद्योगिक श्रमिक और किसानों के संगठनों ने बहुराष्ट्रीय निगमों के प्रवेश का विरोध किया है। कुछ वनस्पतियों मसलन ‘नीम’ को अमेरिकी और यूरोपीय फर्मों ने पेटेंन्ट कराने के प्रयास किए। इसका भी कड़ा विरोध हुआ।
i) बामपंथी राजनीतिक दलों ने वैश्वीकरण का विरोध क्यों किया ?
ii) इंडियन सोशल फोरम जैसा वैश्विक संगठन कौन सा है?
iii) पेटेन्ट से आप क्या समझते हो?
उत्तर :- i) क्योंकि वैश्वीकरण पूंजीवाद का प्रसार है और वामपंथी विचारधारा पूंजीवाद के खिलाफ।
ii) विश्व सोशल फोरम (WSF)
iii) बौद्धिक सम्पदा अधिकार जिसमें कोई खोज, नवाचार इत्यादि को
अपने नाम पर रजिस्टर्ड करवाना, पेटेंट कहलाता है।
छः अंकीय प्रश्न :-
1. वैश्वीकरण ने भारत को कैसे प्रभावित किया है और भारत कैसे वैश्वीकरण को प्रभावित कर रहा है ?
उत्तर :- वैश्वीकरण का भारत पर प्रभाव :-
• तीव्र आर्थिक विकास
• विश्व राजनीति में भारत का महत्वपूर्ण स्थान
• नये अवसरों की उपलब्धता।
• मजदूरों एवं किसानों की स्थिति पर नकारात्मक प्रभाव
• घरेलू उद्योगों में नई चुनौतियों का उभार
• सांस्कृतिक वैभिन्नीकरण।
* भारत द्वारा वैश्वीकरण को प्रभावित करना।
• सस्ते श्रम की बदौलत भारतीय कम्पनियों को Out-sourcing द्वारा अधिक काम।
• अत्यधिक युवा जनसंख्या एवं क्रय शक्ति में वृद्धि द्वारा विकसित देशों में भारत के प्रति आकर्षण।
• कम्प्यूटर एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में तेजी से विकास कर अपना प्रभुत्व जमाना।
2. क्या आप इस तर्क से सहमत है कि वैश्वीकरण से सांस्कृतिक विभिन्नता बढ़ रही है?
उत्तर :- हाँ
• विभिन्न संस्कृतियों का मेल-जोल ।
• विभिन्न देशों द्वारा अन्य देशों के त्यौहारों का आनंद उठाना।
• विभिन्न खान-पान की वस्तुओं द्वारा खाने में विकल्पों में बढ़ोत्तरी।
• नीली जींस तथा खादी कुर्ते का संयोग। आदि।
3. वैश्वीकरण के कारण विकासशील देशों में राज्य की बढ़ती या कम होती भूमिका का वर्णन करें।
उत्तर :- स्मरणीय विन्दु देखें।
4. वैश्वीकरण का प्रतिरोध किन आधारों पर किया जा रहा है?
उत्तर :- स्मरणीय विन्दु देखें।
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